हम समझते हैं की बचत और निवेश एक ही बात है | यह जरुरी नही, दोनों आपके वित्तीय लक्ष्यों के लिए निर्णायक है | दोनों में आपको अपना पैसा अलग निकालकर रखना होता है पर उद्देश्य भिन्न होते है |
बचत उसे कहते है जिससे आप थोडा-थोडा पैसा जोड़कर बड़ा फंड बनाते है ताकि अल्पकालिक जरूरते पूरी की जा सके | जैसे हम बचपन में कौमिक बुक खरीदने के लिए पिगी बैंक में पैसा रखते थे | यह एकदम सही उदहारण है | यदि आपके ध्यान में आया हो तो हमने कभी उस पर कमाई जाने वाली ब्याज दर अथवा उस पैसे पर मिलने वाले रिटर्न पर गौर नहीं किया| कैश , सेविंग अकाउंट अथवा करंट अकाउंट में रखा पैसा बचत कहलाता है | दूसरी तरफ निवेश में किसी वित्तीय फायदे अथवा किसी निश्चित अवधी में पैसा बढने की उम्मीद से किसी निवेश-माध्यम में पैसा लगाने की वचनबध्दता होती है| म्युचुअल
फंड , शेयर और सोने में पैसा लगाना जहाँ रिटर्न निश्चित नहीं होता- निवेश कहलाता है |
बचत वर्तमान और निवेश भविष्य के लिए होता है | पहली
बात तो अपनी उद्देश्य की पहचान है | आप अपने
पैसे का निवेश या उसकी बचत क्यों करना चाहते हैं ?
गौर करें की आपके लक्ष्य कैसे है-
अल्पकालिक मध्यम अथवा दीर्घावधि है? अल्पावधि लक्ष्यों
, आपातकालीन परिस्थितियों और आचानक
आने वाले खर्च के लिए बचत करना बुद्धिमानी है
, क्यूंकि तब यह पैसा तत्काल उपलब्ध
रहता है इ| इससे छोटे लक्ष्य प्राप्त
करना आसान हो जाता है | लेकिन
, दीर्घावधि में अपने बदलती प्राथमिकताओं
और मुद्रास्फीति को देखते हुए रिटायरमेंट अथवा बच्चे की शिक्षा जैसे लक्ष्यों के लिए
बचत कम पड़ सकती है|
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